दोस्तों अक्सर हम किताब लिख लेने के बाद उसे प्रकाशित करवाने के लिए बहुत सारे कठिनाइयों से गुजरते हैं जिनकी वजह से हमारे मन में कई तरह के सवाल उत्पन्न हो जाते हैं कि आखिर इस सवाल का उत्तर क्या होता होगा या फिर हमें किताब प्रकाशित करवाने के लिए किन-किन प्रक्रियाओं से गुजरना होता है? या फिर एक अच्छी किताब प्रकाशित करवाने के लिए किन-किन जरूरत को हमें मुख्य रूप से ध्यान देने की आवश्यकता होती है? तो दोस्तों आज हम आपसे इसी विषय पर बात करने वाले हैं इसीलिए आप हमारे पोस्ट के अंत तक बने रहिएगा।
- एक किताब प्रकाशित करवाने के लिए उसमें कितने पेज होने चाहिए?
एक अच्छी किताब प्रकाशित करवाने के लिए उसमें कितने पेज होने चाहिए अक्सर हमारे मन में किताब लिखने के बाद सवाल उठता है फिर वह किताब कोई कहानी के रूप में हो, या काव्यगत ढंग से लिखी गई हो, या फिर कोई अकैडमी बुक हो लेकिन किसी किताब के लिए कितने पेज होने चाहिए यह प्रश्न हम अक्सर पब्लिकेशन हाउस से करते हैं जिसका सही उत्तर हमें बहुत कम जगह पर मिल पाता है। तो दोस्तों हम आपको बता दे की एक अच्छी किताब को प्रकाशित करवाने के लिए कम से कम उसमें 50 से 60 पेज होने चाहिए और ज्यादा से ज्यादा 200 पेज होने चाहिए। क्योंकि अगर कम पेजेस होते हैं तो अक्सर किताब, किताब जैसी नहीं लगती और ज्यादा पेज हो जाने की वजह से पढ़ने वाला इंसान उब जाता है इसीलिए वह पूरी किताब नहीं पढ़ पाता इसीलिए आपको इस विषय पर ध्यान देना चाहिए।
- अच्छे किताब का पेपर कितने GSM का होता है?
एक अच्छे किताब के कवर पेज का GSM अगर हमें जानना है तो सबसे पहले किस तरह की किताब लिखी गई है यह जाना ना आवश्यक है लेकिन सामान्यतः पेपर बैग की किताब अगर हम बनाते हैं तो उसके कवर पेज का 250 GSM कर होता है और इंटीरियर पेज 85 GSM तक होता है। इसीलिए दोस्तों कभी भी किताब प्रकाशित करते समय अपने प्रकाशक से आप इन प्रश्नों पर विशेष तौर से बात कर ले और उन्हें साफ कर दें कि आपको किस तरह से किताब चाहिए क्योंकि किताब प्रकाशित हो जाने के बाद या एक बार आपका मटेरियल उनके हाथ में चला जाता है तो आप कुछ नहीं कर सकते।
- सेल्फ पब्लिकेशन हाउस या ट्रेडिशनल पब्लिकेशन हाउस में कितने परसेंट रॉयल्टी मिलती है?
दोस्तों अक्सर हम इस प्रश्न में उलझ जाते हैं कि हमें सेल्फ पब्लिकेशन हाउस में कितना पर्सेंट रॉयल्टी मिलता है और ट्रेडिशनल पब्लिकेशन हाउस में कितना पर्सेंट रॉयल्टी मिलता है? तो चलिए हम बताते हैं आपको की सेल्फ पब्लिकेशन हाउस में 100% की रॉयल्टी मिलती है और ट्रेडिशनल पब्लिकेशन हाउस में 10 से 15% तक की रॉयल्टी मिलती है।
लेखकों को किताबों से कितनी रॉयल्टी मिलती है ?
- कितनी किताबें बिकी है इसकी जानकारी कैसे मिले?
किताब प्रकाशित करवाते समय अक्सर लेखक एक प्रश्न को लेकर उलझा हुआ होता है कि उसकी किताब से उसे रॉयल्टी कितने पर्सेंट तक मिलेगी और अगर उसे रॉयल्टी मिलती है तो इन सब चीजों का पता उसे कैसे चलेगा कि उसकी कितनी किताबें बिक गई हैं या कितनी बिकी हैं जिससे उसकी इतने रुपए की रॉयल्टी प्राप्त हुई है इसीलिए दोस्तों आपको किताब प्रकाशित करवाते समय अपने प्रकाशक से इस बात की पुष्टि करनी चाहिए कि वह आपको एक डैश बोर्ड भी प्रोवाइड करें जिसके माध्यम से आपको यह जानकारी मिल पाएगी आपकी अमेजॉन या फ्लिपकार्ट या अन्य किसी भी प्लेटफार्म से इतनी किताबें बिकी है और उससे आपको इतनी रॉयल्टी मिली है। डैश बोर्ड ही रॉयल्टी जानने और किताब भेज बिक जाने की जानकारी प्राप्त करने का सबसे अच्छा जरिया है।
- Amazon या Flipkart कितने ₹ प्रतिशत हर किताब पर सर्विस चार्ज करते हैं?
दोस्तों जब हमारी किताबें प्रकाशित हो जाती है उसके बाद यदि वे अमेजॉन या फ्लिपकार्ट के माध्यम से खरीदी या बेची जाती है तो उन पर लगभग 45% तक का सर्विस चार्ज अमेजॉन या फ्लिपकार्ट लगता है जिसके बाद हमारी किताबों से हमें बहुत ही कम प्रतिशत रॉयल्टी मिल पाती है लेकिन यदि हम पब्लिकेशन हाउस से प्रिंटिंग चार्ज पर किताबें खरीद कर उसे किसी दुकान के माध्यम से बेचते हैं तब हमें अधिक मुनाफा मिलता है या फिर पब्लिकेशन हाउस के वेबसाइट से ही यदि हमारी किताबें सेल होती है तब भी प्रिंटिंग कॉस्ट काटने के बाद जितना भी रुपया बचता है वह सब रॉयल्टी के रूप में लेखक को दिया जाता है। और यह सिलसिला आजीवन चलता है।
- अच्छे पब्लिकेशन हाउस की तलाश कैसे करें?
दोस्तों हमारी किताब लिख लेने के बाद सबसे पहले तलाश हमारी होती है कि किसी अच्छे पब्लिकेशन हाउस के माध्यम से ही हम अपनी किताबें पब्लिश्ड करवा इसीलिए हमें इस बात का ध्यान देना चाहिए कि हम जिस भी पब्लिकेशन हाउस से अपनी किताब प्रकाशित करवाने जा रहे हैं वह पब्लिकेशन हाउस रजिस्टर्ड है कि नहीं है। और साथ ही साथ उसका रिव्यू भी चेक करने के बाद में बहुत ही सावधानी से हमें आगे बढ़ना चाहिए।
- बुक पब्लिशिंग का प्रोसेस कैसे शुरू करें?
हमें किताब प्रकाशित करवाने के लिए सबसे पहले किसी अच्छे पब्लिकेशन हाउस से संपर्क करना होता है। जिस पर हम भविष्य में भी निःसंदेह भरोसा कर सके इसीलिए हमें किसी ऐसे पब्लिकेशन हाउस की तलाश करनी चाहिए जिसका काम बेहतर हो और वह इस बात का प्रमाण भी हमें दे सके जिसके बाद एक एग्रीमेंट साइन करने के बाद जिसमें कि वह पब्लिकेशन हाउस हमारे चुने गए पैकेज के हिसाब से हमें जो भी सर्विस देने वाला है वह सारी बातें मेंशन होती है उसके बाद ही हमें बुकिंग पेमेंट या हाफ पेमेंट के बाद काम शुरू करवाना चाहिए कभी भी पूरा पेमेंट नहीं देना चाहिए। किताब प्रकाशित होने के बाद जब हमें अमेजॉन या फ्लिपकार्ट का लिंक जहां हमारी किताब प्रकाशित हुई है वह मिल जाता है कि हमारी किताबें पब्लिश हो चुकी है तभी हमें पूरा पेमेंट करना चाहिए। दोस्तों हमें आशा है कि आपके मन में जो भी सवाल थे हमने अपने इस पोस्ट के माध्यम से उन सभी सवालों पर आपको सटीक उत्तर दिया है। अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई है तो ऐसी ही अन्य जानकारी के लिए आप हमारे अन्य कंटेंट को पढ़ सकते हैं।
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