पिता पर कविता – श्वेता पाण्डेय – Pita Par Likhi Hindi Kavita
पिता बढ़ती उम्र और जिम्मेदारियों मे वो अपने सपनों का वज़ूद खोते हैं। औरो की तरह वे अपने इन समस्याओं पर, भला वो कब रोते हैं? देख के अपनी औलादों…
पिता बढ़ती उम्र और जिम्मेदारियों मे वो अपने सपनों का वज़ूद खोते हैं। औरो की तरह वे अपने इन समस्याओं पर, भला वो कब रोते हैं? देख के अपनी औलादों…
भारत के प्रसिद्ध साहित्यकार दोस्तों आज हम आपके सामने भारत के साहित्य में अपना पैर जमाने वाले कुछ मुख्य कवियों के नाम बताने वाले हैं जिनके बारे में कुछ चर्चाएं…